Last Updated May - 06 - 2025, 05:28 PM | Source : Fela News
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछड़े वर्गों को पहचानकर उन्हें सशक्त करना जरूरी है, लेकिन आरक्षण कानूनी शर्तों के बाद दिया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जल्द कराने के आदेश दिए हैं। ओबीसी आरक्षण पर विवाद के कारण BMC समेत कई चुनाव 2022 से टल रहे थे। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि वह 4 सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करे और 4 महीने में चुनाव प्रक्रिया पूरी करे।
कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर भी स्पष्ट किया है कि 2022 में बंथिया कमेटी की रिपोर्ट आई थी, लेकिन याचिकाएं अब भी लंबित हैं। इसलिए, पुराने नियमों के तहत आरक्षण दिया जाए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने स्थानीय चुनावों में देरी पर चिंता जताई और कहा कि ये चुनाव लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधि की जगह सरकारी अफसरों का काम करना ठीक नहीं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान कर उन्हें सशक्त बनाना जरूरी है, लेकिन कानूनी शर्तों को पूरा करने के बाद ही आरक्षण दिया जा सकता है।
जस्टिस सूर्यकांत ने आरक्षण को "रेल के डिब्बे" जैसा बताया, जिसमें पहले से बैठे लोग दूसरों को चढ़ने नहीं देते। उन्होंने सरकार से कहा कि आरक्षण के लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें उचित जगह मिलनी चाहिए, और इसे कुछ तबकों तक सीमित रखना गलत होगा।
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