Last Updated Mar - 27 - 2025, 12:09 PM | Source : Fela News
सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए WhatsApp, Instagram और Google Maps पर नजर रखने का फैसला किया है।
सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए WhatsApp, Instagram और Google Maps पर नजर रखने का फैसला किया है। डिजिटल गतिविधियों की मॉनिटरिंग से आय और खर्च का पता लगाया जाएगा, जिससे कर चोरी पर सख्ती की जाएगी।
> टैक्स चोरी पर डिजिटल शिकंजा
भारत सरकार अब टैक्स चोरी रोकने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग को और मजबूत करने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नई इनकम टैक्स बिल 2025 को पेश करते हुए बताया कि अब टैक्स अधिकारी व्हाट्सएप चैट, इंस्टाग्राम गतिविधियों और गूगल मैप्स जैसी डिजिटल जानकारियों तक पहुंच बना सकेंगे।
> डिजिटल डेटा से कैसे पकड़े जा रहे टैक्स चोर?
वित्त मंत्री ने संसद में एक बड़ा खुलासा किया कि व्हाट्सएप संदेशों के जरिए सरकार ने ₹200 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति का पता लगाया है, जिसमें कई क्रिप्टो एसेट्स भी शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि गूगल मैप्स और सोशल मीडिया गतिविधियों की मदद से कई लोगों की अघोषित संपत्तियों का भी पर्दाफाश हुआ है।
> क्यों उठाया गया यह कदम?
आजकल डिजिटल फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन बढ़ रहे हैं, और क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का गलत इस्तेमाल भी हो रहा है। सरकार अब यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठा रही है कि डिजिटल स्पेस का इस्तेमाल टैक्स चोरी के लिए न किया जा सके।
> इनकम टैक्स बिल 2025 में क्या बदलेगा?
अघोषित आय की परिभाषा में डिजिटल संपत्तियों को भी शामिल किया गया है।
टैक्स अधिकारी अब सोशल मीडिया अकाउंट्स, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और ईमेल सर्वर तक पहुंच बना सकेंगे।
डिजिटल डेटा की निगरानी से सरकार टैक्स चोरी करने वालों पर और सख्ती से शिकंजा कस सकेगी।
> टैक्स चोरों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी!
सरकार का यह नया कानून टैक्स चोरी रोकने में कितना कारगर होगा, यह आने वाले समय में पता चलेगा। लेकिन इतना तय है कि अब व्हाट्सएप मैसेज, इंस्टाग्राम पोस्ट और गूगल मैप्स की लोकेशन भी टैक्स चोरों को पकड़वाने में मददगार साबित हो सकते हैं।