Last Updated Oct - 24 - 2025, 03:16 PM | Source : Fela News
Chhath Puja 2025 Arghya: छठ पूजा में सूर्य को दो बार अर्घ्य दिया जाता है—एक बार डूबते सूरज को और एक बार उगते सूरज को. यह जीवन की शुरुआत और अंत दोनों का सम्मान क
Chhath Puja 2025 Arghya: छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण, तप और पवित्रता का प्रतीक है. यह चार दिनों का महापर्व होता है, जिसमें सूर्य देव को अर्घ्य देना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. बिना अर्घ्य के यह पूजा पूरी नहीं मानी जाती. इस साल छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू होगी और 28 अक्टूबर को समाप्त होगी.
क्यों दिया जाता है सूर्य को दो बार अर्घ्य?
छठ पूजा में सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देने की परंपरा है—एक बार डूबते सूर्य को और दूसरी बार उगते सूर्य को. यह सिर्फ रीति-रिवाज नहीं, बल्कि जीवन का गहरा संदेश भी देता है.
1. संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
पहला अर्घ्य सूर्यास्त के समय दिया जाता है.
इसका अर्थ है—जो भी जीवन में मिला है, उसके लिए भगवान का धन्यवाद करना.
यह सिखाता है कि हर अंत कोई हार नहीं, बल्कि एक नए आरंभ की तैयारी है.
2. ऊषा अर्घ्य (उगते सूर्य को अर्घ्य)
दूसरा अर्घ्य सुबह उगते हुए सूर्य को दिया जाता है.
यह नई शुरुआत, नई ऊर्जा और आशा का प्रतीक है.
यह बताता है कि अंधकार के बाद हमेशा रोशनी आती है और जीवन में नए अवसर मिलते हैं.