Last Updated Jun - 12 - 2025, 02:53 PM | Source : Fela News
Akkare Kottiyoor Siva Temple: दक्षिण भारत में स्थित कोट्टियूर का प्राचीन शिव मंदिर खास मान्यता रखता है। आइए जानते हैं इसका महत्व और इतिहास।
Akkare Kottiyoor Siva Temple: दक्षिण भारत में शिवजी की खास पूजा होती है, और केरल का कोट्टियूर शिव मंदिर इनमें एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मंदिर अपनी खास धार्मिक परंपराओं और त्योहारों के लिए जाना जाता है।
मंदिर का महत्व और इतिहास
कोट्टियूर मंदिर का संबंध पौराणिक कथा से है। माना जाता है कि यहीं पर माता सती के पिता दक्ष ने यज्ञ किया था, जिसमें भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी कारण माता सती ने यज्ञ में आत्मदाह कर लिया था।
‘कोट्टियूर’ नाम ‘कट्टि-यूर’ से निकला है और इसका संबंध एक पुराने वंश ‘कट्टन’ से बताया जाता है। यहां का शिवलिंग स्वयंभू है, यानी वह धरती से स्वयं प्रकट हुआ है।
दो मंदिर – अक्कारे और इक्कारे
कोट्टियूर में दो मंदिर हैं—अक्कारे कोट्टियूर और इक्कारे कोट्टियूर। अक्कारे कोट्टियूर शिवजी का मंदिर है, जो साल में सिर्फ 28 दिनों के लिए वैशाखमहोत्सवम् के दौरान ही खुलता है।
वैशाखमहोत्सवम् क्या है?
यह 28 दिन चलने वाला त्योहार है, जिसकी शुरुआत भगवान को घी से स्नान (नेय्यट्टम) कराने से होती है। समापन नारियल पानी से स्नान (एलेनीरट्टम) के साथ होता है।
ऐसा माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने ही इस मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ त्योहार के नियम बनाए थे।