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Last Updated May - 24 - 2025, 04:41 PM | Source : Fela News
Vat Savitri Vrat 2025:इस बार वट सावित्री व्रत से सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले लिए थे। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जात
Vat Savitri Vrat 2025: इस बार वट सावित्री व्रत का खास मौका है क्योंकि ये सोमवती अमावस्या के साथ आ रहा है। यह व्रत 26 मई 2025 को रखा जाएगा। यह व्रत ज्येष्ठ मास में आता है और सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं।
वट सावित्री व्रत कब और कहां मनाया जाता है?
उत्तर भारत में यह ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से अमावस्या तक मनाया जाता है। दक्षिण भारत में भी इसी समय शुक्ल पक्ष में व्रत किया जाता है। खासकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि जिस तरह बरगद का पेड़ लंबा जीवित रहता है, वैसे ही महिलाएं अपने पति की उम्र लंबी करने के लिए यह व्रत करती हैं।
इस साल का व्रत कब होगा?
पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाएगा, जो 26 मई 2025 को शुरू होकर 27 मई की सुबह तक रहेगा। इस दिन शुभ योग और अभिजित मुहूर्त भी है।
सोमवती अमावस्या का खास महत्व
27 मई को अमावस्या के साथ सोमवती अमावस्या भी है, जो बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है।
वट वृक्ष की पूजा क्यों खास है?
बरगद का पेड़ पवित्र माना जाता है और इस पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, उसके चारों ओर कच्चा धागा बांधती हैं और परिक्रमा करती हैं। ऐसा करने से पति की लंबी उम्र और घर में सुख-शांति आती है।
व्रत कैसे करें?
सावित्री की कहानी
सावित्री अपने पति सत्यवान के लिए बहुत प्यार और त्याग करने वाली महिला थीं। जब यमराज उनके पति के प्राण लेने आए, तब सावित्री ने बिना हारे उनसे कई वरदान मांगे। उनकी बहादुरी से यमराज खुश होकर सत्यवान को वापस जीने का आशीर्वाद दे दिया।
महत्व
इस व्रत से पति की लंबी उम्र, घर में खुशहाली और सुख-शांति आती है। बरगद के पेड़ की पूजा से धन-समृद्धि भी मिलती है।