Last Updated Jul - 24 - 2025, 01:43 PM | Source : Fela news
19 साल की उम्र में बड़ी उपलब्धि, पूर्व वर्ल्ड चैंपियन को हराकर GM नॉर्म और वुमेन्स कैंडिडेट्स में भी जगह बनाई
भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने 23 जुलाई 2025 को फिडे वुमेन्स वर्ल्ड कप (Batumi) में नया इतिहास रच दिया। मात्र 19 वर्ष की उम्र में दिव्या इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। सेमीफाइनल में उन्होंने पूर्व महिला विश्व चैंपियन तान झोंगयी (Tan Zhongyi) को हराकर यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
सेमीफाइनल की पहली गेम में ब्लैक पीस से खेलते हुए मुकाबला ड्रॉ (½‑½) रहा, लेकिन दूसरी गेम में दिव्या ने व्हाइट पीस से शानदार खेल दिखाते हुए जीत हासिल की और 1½–½ के स्कोर से मैच अपने नाम कर लिया।
इस जीत के साथ दिव्या ने न सिर्फ फाइनल में जगह पक्की की, बल्कि अपना पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म (GM norm) भी हासिल किया। साथ ही अब वे फिडे वुमेन्स कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 में भी खेलेंगी, जो वर्ल्ड चैंपियनशिप की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
दिव्या का यह प्रदर्शन उनके शतरंज करियर में एक बड़ा मोड़ साबित हुआ है। इस टूर्नामेंट में अब तक अजेय रही दिव्या देशमुख अब भारत की सबसे तेज़ी से उभरती हुई चेस स्टार के रूप में पहचान बना चुकी हैं। उनका यह सफर आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।