Last Updated Sep - 02 - 2025, 02:41 PM | Source : Fela News
अमेरिका में दिए गए बयान में ‘ब्राह्मणों’ का जिक्र सामने आया। भारत में इसे लेकर सवाल उठे और दोनों देशों के बीच चर्चा का नया मुद्दा बन गया।
अमेरिकी व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइज़र पीटर नवारो ने भारत को लेकर एक विवादित बयान दिया है। फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने न सिर्फ भारत पर 50% आयात शुल्क लगाने की बात कही, बल्कि “ब्राह्मणों” को भारत की जनता के नुकसान पर मुनाफाखोरी करने वाला बताया। नवारो ने भारत को “क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट” तक कह डाला और आरोप लगाया कि भारत ऐसे व्यापारिक संतुलन और भू-राजनीतिक रिश्ते बना रहा है जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नवारो का यह बयान अमेरिका की राजनीतिक हताशा को दिखाता है। दरअसल, अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस बार उसने जाति व्यवस्था जैसे आंतरिक सामाजिक मुद्दे को भी राजनीति में घसीट लिया। यह साफ संकेत है कि अमेरिका भारत की घरेलू सामाजिक संरचना की जानकारी के बिना ही जातिगत विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहा है।
भारत में यह बयान न केवल हस्तक्षेप की तरह देखा जा रहा है बल्कि यह अमेरिकी नेतृत्व की समझ पर भी सवाल खड़े करता है। विश्लेषकों का मानना है कि व्यापारिक मतभेदों और भू-राजनीतिक खींचतान को जातिगत टिप्पणी से जोड़ना गलत है और इससे अमेरिका की गंभीरता पर संदेह होता है।
भारत सरकार की ओर से अब तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसे गंभीर कूटनीतिक स्तर पर उठाया जाएगा।