Last Updated Jun - 07 - 2025, 10:53 AM | Source : Fela News
विश्लेषकों के अनुसार, रूस अगले पांच वर्षों में पोलैंड या बाल्टिक देशों की ओर एक सैन्य मोर्चा खोल सकता है, इसलिए नाटो को अब से ही तैयारी शुरू करनी होगी।
रूस के पास लगभग 15 लाख सक्रिय सैनिक और 5,580 परमाणु हथियार हैं, जबकि नाटो के पास कुल मिलाकर लगभग 35 लाख सैनिक मौजूद हैं । हालांकि औपचारिक संघर्ष की संभावना कम है, राजनीतिज्ञों और रक्षा विशेषज्ञ हाइब्रिड—यानी साइबर, जासूसी व टेक्नोलॉजी आधारित—युद्ध रणनीति को लेकर सतर्क कर रहे हैं ।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस को अपनी सेना को फिर से सशक्त बनाने में लगभग 5 साल का समय लगेगा—इस दौरान अगले ‘स्लो मोशन’ मोर्चे की तैयारी पूरी की जा सकती है ।
बाल्टिक देश (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया): कमजोर जनसंख्या और रूस के करीब होने की वजह से ये क्षेत्रों में सबसे पहले निशाना हो सकते हैं ।
पोलैंड: ‘Suwalki Gap’ नामक रणनीतिक क्षेत्र में टकराव की आशंका—रूस की उस दिशा में तेजी से मजबूत आक्रमणवाद की संभावनाएं नाटो के लिए अलार्म हैं ।
विश्लेषकों के अनुसार, रूस का आगे का मोर्चा ‘ग्री फ्रन्ट’ (गैर-रविवार युद्ध) के रूप में नजर आ सकता है—जिसमें पारंपरिक लड़ाई के बजाय साइबर हमलों, ड्रोन स्ट्राइक और खबरों में भ्रामक गतिविधियाँ शामिल होंगी ।
नाटो की जवाबी तैयारियाँ:
यूक्रेन के बाद अब पोलैंड या बाल्टिक देशों में संघर्ष का खतरा मंडरा रहा है। रूस पूंजीकृत “हाइब्रिड” रणनीतियों से पूर्वी यूरोप में जल्द आक्रमण कर सकता है। इस स्थिति में नाटो को नए हथियार, साइबर रक्षा, ड्रोन सिस्टम और सामरिक प्रभुत्व को बढ़ाना होगा, ताकि भविष्य में यूरोप में फिर से कोई युद्ध न छिड़े।