Last Updated Sep - 01 - 2025, 03:27 PM | Source : Fela News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन दौरे के दौरान एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा व सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया, अहम मुद्दों पर चर्
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगस्त 2025 में हुआ चीन दौरा भारत-चीन संबंधों में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है। जापान यात्रा के बाद वे तियानजिन पहुंचे, जहां उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह उनका सात साल से अधिक समय बाद चीन का पहला आधिकारिक दौरा था, जिसने भारत की क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक संवाद के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा, सतत विकास और आर्थिक संपर्क जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन एससीओ की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित हुआ, जिसमें अगले दस वर्षों के लिए साझा एजेंडा तय किया गया। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाना है, जो मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में बहुपक्षीय कूटनीति के महत्व को दर्शाता है।
दौरे का मुख्य आकर्षण मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय मुलाकात रही। साथ ही उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी चर्चा की। यह बैठकें इसलिए खास मानी गईं क्योंकि इनसे उम्मीद जताई जा रही है कि लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद और कूटनीतिक तनाव में कुछ नरमी आ सकेगी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और सामान्य बनाने की इच्छा जताई।
दौरे के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी खास ध्यान खींचा। भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां चीनी कलाकारों द्वारा की गईं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक पुल का प्रतीक बनीं। भारतीय प्रवासी समुदाय ने भी प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
कुल मिलाकर यह दौरा भारत-चीन रिश्तों को नए सिरे से परिभाषित करने और शांति व समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने की सकारात्मक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।