Last Updated Dec - 22 - 2025, 05:04 PM | Source : Fela News
गाजा में पाकिस्तान की संभावित सैन्य तैनाती से हमास समर्थन और क्षेत्रीय राजनीति पर नए सवाल खड़े हुए।
गाजा को लेकर एक चौंकाने वाली रणनीति सामने आई है। जिस पाकिस्तान को अब तक हमास का समर्थक माना जाता रहा, वही अब गाजा में सैनिक भेजने की तैयारी में है, जिससे कई नए सवाल खड़े हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान गाजा में करीब 3500 सैनिक तैनात करने की योजना पर काम कर रहा है। यह तैनाती अमेरिका और इजरायल से जुड़े एक व्यापक प्लान का हिस्सा बताई जा रही है, जिसका मकसद गाजा में सुरक्षा व्यवस्था को संभालना और हमास के प्रभाव को सीमित करना है। अगर ऐसा होता है तो यह पाकिस्तान की अब तक की सार्वजनिक नीति से बिल्कुल उलट कदम माना जाएगा।
अब तक पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमास के प्रति नरम रुख दिखाता रहा है और इजरायल का खुला विरोध करता आया है। ऐसे में गाजा में सैनिक भेजने की खबर ने राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान की मजबूरी भी हो सकता है, क्योंकि आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते उसे अमेरिका की शर्तों के करीब जाना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि प्रस्तावित योजना के तहत पाकिस्तानी सैनिक सीधे युद्ध में शामिल नहीं होंगे, बल्कि गाजा में शांति व्यवस्था, राहत कार्यों और प्रशासनिक नियंत्रण में भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि आलोचकों का कहना है कि जमीन पर मौजूदगी अपने आप में हमास के लिए खतरा बन सकती है और यही वजह है कि इसे हमास के कमजोर पड़ने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
इजरायल और अमेरिका लंबे समय से गाजा में हमास के विकल्प तलाश रहे हैं। ऐसे में एक मुस्लिम देश की सेना की तैनाती से स्थानीय विरोध कम होने और अंतरराष्ट्रीय वैधता मिलने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन यह भी साफ है कि अगर पाकिस्तान इस मिशन का हिस्सा बनता है, तो उसे अपने ही देश और इस्लामी दुनिया में तीखी आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
गाजा में पाकिस्तान की संभावित तैनाती सिर्फ सैन्य फैसला नहीं, बल्कि बड़ी भू-राजनीतिक चाल मानी जा रही है। अब सवाल यही है कि क्या हमास के माने जाने वाले समर्थक ही अंत में उसके प्रभाव को खत्म करने की भूमिका निभाएंगे, या यह योजना कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।