Last Updated Nov - 06 - 2025, 05:13 PM | Source : Fela News
तालिबान ने अब अपने लड़ाकों को अफसर बनाने की तैयारी शुरू की है। नए ट्रेनिंग प्रोग्राम से अफगानिस्तान की राजनीतिक और प्रशासनिक तस्वीर बदलने की कोशिश जारी है।
अफगानिस्तान से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। कभी बंदूक उठाकर लड़ने वाले तालिबान के कई लड़ाके अब अफसरी की ट्रेनिंग ले रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान शासन ने अपने लड़ाकों को प्रशासनिक और प्रबंधन से जुड़ी स्किल सिखाने के लिए खास ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, ताकि वे सरकारी व्यवस्था को संभाल सकें।
यह कदम तालिबान की उस नई रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है जिसके तहत संगठन अपने शासन को “स्थायी और व्यवस्थित” रूप देने की कोशिश कर रहा है। इन ट्रेनिंग सत्रों में तालिबान के सदस्य फाइल वर्क, बजट मैनेजमेंट, जनता से संवाद और सरकारी रिकॉर्ड संभालने जैसे विषय सीख रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, इन कोर्सों में शामिल कई लड़ाके पहले मोर्चे पर सक्रिय रहे हैं, लेकिन अब उन्हें प्रशासनिक कामकाज की जिम्मेदारी दी जा रही है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में सैकड़ों तालिबान सदस्यों ने नाम दर्ज कराया है और इन्हें देशभर के सरकारी दफ्तरों में भेजने की योजना भी बनाई जा रही है।
हालांकि, इस पूरे अभियान को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि केवल ट्रेनिंग देने से कोई भी शासन लोकतांत्रिक या पारदर्शी नहीं बन जाता। दूसरी ओर, तालिबान प्रवक्ता का दावा है कि उनका उद्देश्य देश में “प्रभावी प्रशासन” स्थापित करना और बाहरी दुनिया में अपनी छवि सुधारना है।
अफगानिस्तान की जनता फिलहाल इन बदलावों को संदेह और उम्मीद ,दोनों नजरों से देख रही है। कुछ लोगों को विश्वास है कि यह कदम स्थिरता ला सकता है, जबकि अन्य को डर है कि यह सिर्फ एक दिखावा हो सकता है।
जो भी हो, बंदूक से कलम की ओर बढ़ते तालिबान के ये कदम अफगानिस्तान के बदलते दौर की एक दिलचस्प तस्वीर पेश कर रहे हैं।