Last Updated Nov - 03 - 2025, 06:18 PM | Source : Fela News
ट्रंप हाल ही में दिए बयानों में पुतिन और जिनपिंग की तारीफों के पुल बांधते नजर आए। विशेषज्ञों का मानना—आगामी चुनाव से पहले उनकी रणनीति में बड़ा बदलाव दिखा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयानों से सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की खुलकर तारीफ कर दी। ट्रंप ने कहा कि “पुतिन और जिनपिंग बेहद चतुर नेता हैं, उनके साथ खेलना आसान नहीं।” यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका की मौजूदा बाइडन सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन की नीतियों को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।
ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वे राष्ट्रपति होते तो यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता, क्योंकि पुतिन उन्हें “सम्मान” करते थे। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा बाइडन प्रशासन की कमजोरी ने रूस और चीन को साहस दिया है। ट्रंप के मुताबिक, “जो नेता मजबूत और चालाक होते हैं, वे मौके का फायदा उठाते हैं, और पुतिन-जिनपिंग बिल्कुल वही कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार को अब आर्थिक मोर्चे पर सख्त कदम उठाने चाहिए, खासकर चीन से आयातित सामानों पर। ट्रंप ने संकेत दिए कि अगर वे फिर सत्ता में आते हैं, तो चीन पर बड़े पैमाने पर टैरिफ बढ़ाएंगे ताकि अमेरिका की निर्भरता कम की जा सके।
ट्रंप का यह बयान अमेरिकी राजनीति में नया विवाद खड़ा कर गया है। डेमोक्रेट्स ने उन पर “तानाशाहों की तारीफ” करने का आरोप लगाया है, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि ट्रंप सिर्फ यह याद दिला रहे हैं कि दुनिया के मंच पर अमेरिका को फिर से मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।
ट्रंप के इन बयानों से एक बात साफ झलकती है , वे अपने पुराने अंदाज में वापस आ गए हैं, जहां वह खुद को “सख्त नेता” और दूसरों को “कमज़ोर” साबित करने में कोई मौका नहीं छोड़ते।