Last Updated May - 13 - 2025, 04:01 PM | Source : Fela News
10 मई को भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम का ऐलान किया। इसमें अमेरिका ने भी बड़ी भूमिका निभाई। इसके बाद चीन की डिफेंस कंपनियों के शेयर तेजी से गिरने लगे।
जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा और हालात युद्ध जैसे हो गए, तब चीन को इसका सबसे ज़्यादा फायदा हुआ। उस वक्त चीन की डिफेंस कंपनियों के शेयर तेज़ी से बढ़ने लगे, क्योंकि निवेशकों को लगा कि चीन पाकिस्तान को ज़्यादा हथियार देगा।
तनाव में चीन के शेयर बढ़े:
8 मई को चीन की कई डिफेंस कंपनियों जैसे AVIC चेंगदू एयरक्राफ्ट (जो पाकिस्तान को फाइटर जेट देता है), AVIC एयरोस्पेस (जो मिलिट्री प्लेन बनाती है), और चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन (जो पाकिस्तान को नौसेना जहाज देता है) के शेयर काफी ऊपर चले गए।
युद्धविराम के बाद गिरावट:
10 मई को भारत-पाकिस्तान ने युद्धविराम का ऐलान कर दिया और अमेरिका ने इसमें अहम भूमिका निभाई। इसके बाद से चीन की डिफेंस कंपनियों के शेयर गिरने लगे। AVIC के शेयर 7.4% और शिपबिल्डिंग कंपनी के शेयर 4% से ज़्यादा गिर गए।
चीन-पाकिस्तान का सैन्य रिश्ता:
पाकिस्तान अपने ज़्यादातर हथियार चीन से ही खरीदता है। 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान ने चीन से 5.28 अरब डॉलर के हथियार खरीदे। उसके कुल हथियार आयात का 81% हिस्सा चीन से आता है।
CPEC का असर:
चीन पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर के CPEC प्रोजेक्ट में निवेश कर रहा है। इसके लिए पाकिस्तान को सुरक्षा बढ़ानी होगी, इसलिए उसे और हथियारों की ज़रूरत पड़ सकती है।
अब झटका क्यों लगा?
जब तक तनाव बना था, चीन के हथियार बेचने की उम्मीद थी। लेकिन अब युद्धविराम के बाद ये उम्मीदें कम हो गई हैं, इसलिए चीन के डिफेंस शेयर गिरने लगे हैं।.
May - 13 - 2025
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