Last Updated Sep - 06 - 2025, 02:17 PM | Source : Fela News
The bengal Files Review: विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म देखने से पहले रिव्यू जरूर पढ़ें।
इस तरह की फिल्मों के साथ अक्सर यह दिक्कत होती है कि लोग फिल्म की गुणवत्ता की बजाय सिर्फ एजेंडा या प्रोपेगैंडा पर ध्यान देते हैं। जो समर्थक हैं, वे फिल्म को अच्छा बताएंगे और जो नहीं हैं, वे बुरा। फिल्म देखी हो या न हो, ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं। ताशकंद फाइल्स और कश्मीर फाइल्स के बाद, विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अब ‘बंगाल की फाइल्स’ पेश की है और इसे बहुत प्रभावशाली तरीके से पेश किया है।
कहानी:
फिल्म में दो बंगाल दिखाए गए हैं—एक आज का और एक आजादी से पहले का। डायरेक्ट एक्शन डे, नोअखाली दंगे और हिंदू जेनोसाइड जैसी घटनाएं दिखाई गई हैं। ज्यादा विवरण देना सही नहीं, इसे फिल्म में ही देखें।
फिल्म कैसी है:
यह एक हार्ड हिटिंग फिल्म है। कई सीन चौंकाते, परेशान करते और सोचने पर मजबूर करते हैं। कमजोर दिल वाले लोग सोच समझकर ही देखें। फिल्म लंबी है—लगभग 3.5 घंटे। कुछ मोनोलॉग लंबे हैं, लेकिन इससे फिल्म का असर पूरा रहता है। कुछ किरदार, जैसे मिथुन चक्रवर्ती का, जरूरी नहीं लगे।
एक्टिंग:
दर्शन कुमार ने सीबीआई अफसर अमर के किरदार में शानदार काम किया है। अनुपम खेर ने महात्मा गांधी का रोल प्रभावशाली निभाया। पल्लवी जोशी, सिमरत कौर, शाश्वत चटर्जी और एकलव्य सूद की एक्टिंग भी शानदार है। कुछ किरदार गैर जरूरी लगते हैं।
डायरेक्शन और राइटिंग:
विवेक अग्निहोत्री की राइटिंग और रिसर्च बेहतरीन हैं। हालांकि रिसर्च इतना ज्यादा है कि फिल्म लंबी हो गई। डायरेक्शन अच्छा है।
निष्कर्ष:
फिल्म जरूर देखें और खुद निर्णय लें।
रेटिंग: 3.5 स्टार्स