Last Updated Dec - 13 - 2025, 10:58 AM | Source : Fela News
Delhi News: न्यायिक मजिस्ट्रेट अरिदमन सिंह चीमा की अदालत ने छह आरोपियों को 15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी, जबकि चार अन्य की जमानत याचिकाएं खारिज कर
दिल्ली के इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने के आरोपों पर दिल्ली की अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट अरिदमन सिंह चीमा की अदालत ने छह आरोपियों को 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी, जबकि चार अन्य की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
जमानत पाने वालों में मेहुल, प्रीतिरानी, सिमरन, नोई, वागीशा और करीना शामिल हैं। अदालत ने कहा कि इन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखने का कोई ठोस कारण नहीं है। कोर्ट के मुताबिक, मामले से जुड़े सभी डिजिटल सबूत पहले ही जब्त किए जा चुके हैं, इसलिए सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं है। साथ ही, इन छह आरोपियों के खिलाफ किसी प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़े होने का पुख्ता सबूत भी सामने नहीं आया है।
वहीं, गुरकीरत कौर, रवजोत कौर, आयशा वफिया और अविनाश सत्यपति की जमानत याचिकाएं अदालत ने खारिज कर दीं। कोर्ट ने कहा कि इन आरोपियों के नारे सीधे तौर पर माडवी हिडमा के समर्थन में थे और इनके प्रतिबंधित संगठन ‘रेडिकल स्टूडेंट यूनियन’ से जुड़े होने के संकेत रिकॉर्ड पर मौजूद हैं। अदालत के अनुसार, इस स्तर पर इन्हें रिहा करना उचित नहीं होगा, क्योंकि दोबारा अपराध करने या फरार होने की आशंका बनी रह सकती है।
मामले में एक अन्य आरोपी अक्षय ई.आर. की जमानत याचिका पर अभी फैसला नहीं हो सका है। दलीलें पूरी न होने के कारण अदालत ने सुनवाई टाल दी है और अब इस पर शनिवार को विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि यह मामला उस समय सामने आया था, जब इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था। आरोप है कि इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने माओवादी कमांडर के समर्थन में नारे लगाए थे, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर गिरफ्तारियां की थीं।