Last Updated Sep - 18 - 2025, 10:58 AM | Source : Fela News
अगर आप रोज दाल खाते हैं तो इससे कुछ नुकसान हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दाल खुद गैस या पेट फूलने की वजह नहीं बनती, बल्कि इसे पकाने और खाने का तरीका ज्य
भारतीय खाने की थाली दाल के बिना अधूरी मानी जाती है। लगभग हर घर में रोज कम से कम एक बार दाल जरूर बनती है। यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि शरीर को प्रोटीन, फाइबर और जरूरी मिनरल्स भी देती है। लेकिन अगर दाल रोज या गलत समय पर खाई जाए, तो यह नुकसान भी कर सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक दाल खुद गैस या पेट फूलने की वजह नहीं होती, बल्कि इसे पकाने और खाने का तरीका ज्यादा जिम्मेदार होता है। चूंकि दालों में फाइबर और रेजिस्टेंस स्टार्च ज्यादा होता है, इसलिए ज्यादा मात्रा में खाने पर पेट फूलना, गैस या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर दाल सही समय और सही तरीके से खाई जाए, तो यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ बीमारियों से भी बचाती है।
कौन सी दाल कब खानी चाहिए?
उड़द दाल
प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होती है, लेकिन पचने में भारी है। इसे अदरक या हींग डालकर पकाना बेहतर है। डोसा और इडली के रूप में खाना ज्यादा फायदेमंद है। बुजुर्ग और पाचन की समस्या वाले लोग इससे बचें।
चना दाल
फाइबर से भरपूर है और शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसे भिगोकर पकाना जरूरी है, वरना गैस और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसे दोपहर में खाना सबसे अच्छा रहता है।
मसूर दाल
लाल मसूर दाल हल्की होती है, लेकिन गैस की समस्या ज्यादा करती है। आयरन की कमी वाली महिलाओं के लिए यह लाभकारी है। इसे दोपहर या रात, दोनों वक्त खाया जा सकता है। किडनी स्टोन के मरीजों को इससे बचना चाहिए।
अरहर (तुअर) दाल
प्रोटीन और कार्ब्स का अच्छा स्रोत है। इसे पकाने से पहले भिगोना और हल्दी-हींग डालकर बनाना ज्यादा फायदेमंद है। इसे लंच में खाना सबसे अच्छा है। कच्ची या अधपकी अरहर दाल नुकसान कर सकती है।
हरी मूंग दाल
यह आसानी से पच जाती है और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। भिगोकर अंकुरित मूंग दाल बुजुर्गों, डायबिटीज के मरीजों और वजन घटाने वालों के लिए अच्छी है। लेकिन IBS के मरीजों को इससे परहेज करना चाहिए।