Gopashtami 2025: गौसेवा और श्रीकृष्ण भक्ति का महत्व, जानें कथा और पूजा विधि
Gopashtami 2025: गौसेवा और श्रीकृष्ण भक्ति का महत्व, जानें कथा और पूजा विधि
Last Updated Oct - 29 - 2025, 11:41 AM | Source : Fela News
Gopashtami 2025: हिंदू धर्म में गाय की सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना जाता है. इस कारण गोपाष्टमी त्योहार बहुत महत्वपूर्ण होता है. आइए जानते हैं गोपाष्टमी कब पड़ती
गौसेवा और श्रीकृष्ण भक्ति का महत्व, जानें कथा और पूजा विधि
Gopashtami 2025:हिंदू संस्कृति में गाय को माता के समान माना जाता है और उसे देवताओं का निवास स्थान बताया गया है. इसी भावना का प्रतीक है गोपाष्टमी का त्योहार, जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है. यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा पहली बार गायों को चराने की शुरुआत का स्मरण दिवस है.
गोपाष्टमी कब है?
इस साल कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि
- 29 अक्टूबर 2025 को सुबह 09:23 बजे शुरू होगी
- और 30 अक्टूबर 2025 को सुबह 10:06 बजे समाप्त होगी
- इसी कारण गोपाष्टमी 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाई जाएगी।
गोपाष्टमी का पौराणिक महत्व
- भगवान कृष्ण जब 8 वर्ष के हुए, तब उन्होंने पहली बार गायों को चराना शुरू किया।
- उन्होंने कहा था कि "गाय मेरी आत्मा है"।
- इस दिन को गौ सेवा, गौपालन और श्रीकृष्ण की भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
- ब्रज और वृंदावन में यह त्योहार विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है।
गोपाष्टमी पूजा कैसे करें?
- सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
- गाय और बछड़ों को नहलाकर फूल, हल्दी और चंदन से सजाएं।
- उनके माथे पर तिलक लगाएं और पुष्पहार पहनाएं।
- घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर गाय की आरती करें।
- हरी घास, गुड़, दूध और मिठाई का भोग लगाएं।
- ‘गायत्री मंत्र’ या ‘गोमाता स्तुति’ का पाठ करें और गाय की परिक्रमा करें।
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