Last Updated Aug - 01 - 2025, 03:50 PM | Source : Fela News
संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले दंपत्तियों के लिए यह एकादशी विशेष मानी जाती है। जानें व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि और इससे मिलने वाले आध्यात्मिक लाभ।
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, जो इस बार 6 अगस्त 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है और संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
शुभ मुहूर्त:
पूजा विधि:
इस दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें और पीले फूल, तुलसी दल, धूप-दीप आदि से पूजन करें। विष्णुसहस्रनाम या गीता का पाठ करना शुभ माना जाता है। रात्रि में जागरण और भजन-कीर्तन का भी विशेष महत्व है। अगले दिन द्वादशी पर व्रत का पारण कर ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराएं।
पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है जो संतान की कामना करते हैं। शास्त्रों में भी इसका उल्लेख है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान संबंधी कष्ट दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।