Last Updated Dec - 12 - 2025, 06:07 PM | Source : Fela News
क्रिकेट पसंद करने वाले कई लोग BCCI का सर्टिफाइड अंपायर बनना चाहते हैं, लेकिन असली प्रोसेस और कमाई कितनी होती है,ये बातें अक्सर साफ नहीं होतीं।
भारत में BCCI अंपायर बनने के लिए किसी बड़े डिग्री कोर्स की जरूरत नहीं होती, बल्कि सही ट्रेनिंग और एग्ज़ाम क्लियर करना सबसे जरूरी कदम है। सबसे पहले उम्मीदवार को राज्य क्रिकेट संघ (State Association) द्वारा आयोजित अंपायर एग्ज़ाम पास करना होता है। इसमें क्रिकेट के नियम, ऑन-फील्ड फैसला लेने की क्षमता और मैच मैनेजमेंट जैसी चीजों की टेस्टिंग होती है। इस परीक्षा में पास होने के बाद उम्मीदवार को बोर्ड की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है।
इसके बाद आता है BCCI Level-1 और Level-2 सर्टिफिकेशन। ये दोनों परीक्षा अंपायरिंग करियर का असली आधार माने जाते हैं। इनमें नियमों की गहराई, डिसीजन-मेकिंग, फिटनेस और प्रैक्टिकल नॉलेज का मूल्यांकन होता है। ये दोनों लेवल पास करने के बाद ही किसी को घरेलू टूर्नामेंट में अंपायरिंग का मौका मिलता है।
सैलरी की बात करें तो घरेलू मैचों में अंपायर को मैच-फीस के आधार पर भुगतान मिलता है। एक दिन के मैच के लिए करीब 20,000 रुपये, और चार दिन के फर्स्ट-क्लास मैच के लिए 50,000 से 60,000 रुपये तक मिल सकते हैं। टी20 और लिस्ट-A जैसे मैचों की फीस भी इसी दायरे में रहती है। अनुभवी अंपायर और बड़े टूर्नामेंट में नियुक्त होने वालों की कमाई और ज्यादा होती है।
BCCI के सर्टिफाइड अंपायर को देशभर में घरेलू टूर्नामेंट, महिला क्रिकेट, जूनियर टूर्नामेंट और कई बड़े क्रिकेट आयोजनों में लगातार मौके मिलते रहते हैं। अनुभव बढ़ने के बाद इंटरनेशनल पैनल में शामिल होने की संभावना भी बनती है, जिससे करियर और कमाई दोनों तेजी से बढ़ते हैं।
कुल मिलाकर, क्रिकेट प्रेमियों के लिए अंपायरिंग न सिर्फ एक सम्मानजनक बल्कि अच्छी कमाई देने वाला करियर बन चुका है। सही तैयारी, नियमों की समझ और कुछ वर्षों के अनुभव के साथ कोई भी इस प्रोफेशन में आगे जाकर बड़ी पहचान हासिल कर सकता है।